संक्षिप्त परिचय
यह संस्थान भारत के मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर में स्थित है। भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली ने देश की तिलहन अर्थव्यवस्था में सोयाबीन के महत्व को देखते हुए सन १९६७ में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की स्थापना नई दिल्ली में की, जिसे बाद में पंतनगर में स्थानांतरित कर दिया गया । परिषद ने सोयाबीन की उपलब्ध आधारभूत तकनीक और प्रजनन सामग्री का उपयोग करते हुए एकीकृत अनुसंधान कार्यो हेतु राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र की स्थापना सन १९८७ में इंदौर में की। इस केंद्र को सोयाबीन की आधारभूत अनुसन्धान कार्यो के साथ अखिल भारतीय समन्वित अनुसन्धान परियोजना, सोयाबीन प्रजनक बीज उत्पादन स्कीम व सोयाबीन जनन द्रव्य की सक्रिय संघ्रहण की जिम्मेदारी दी गयी ।
प्रारंभ में मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर में खंडवा रोड पर केंद्र को 56.7 हेक्टेयर कृषि भूमि एक पुराना बीज भंडार गृह, स्टोर और पुराना कार्यालयीन भवन प्रदान किया था । कृषि भूमि को प्रायोगिक प्रक्षेत्र के रूप में विकसित किया गया एवम भंडार गृह व कार्यालयीन भवन का नवीनीकरण किया गया । प्रक्षेत्र व अनुसन्धान प्रयोगशाला का सेटअप तैयार किया गया । तदुपरांत एक नया कार्यालयीन भवन व अनुसन्धान प्रयोगशालाओ का निर्माण किया गया एवम संपूर्ण सेटअप को नए भवन में स्थानांतरित कर दिया गया । भंडार गृह प्रक्षेत्र संरचनाओ एवम प्रक्षेत्र सडको का निर्माण किया गया ।
सोयाबीन की महत्ता व केंद्र की अनुसन्धान कार्यो के कारण भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् ने सन २०१५ में इसे अपग्रेड करते हुए अपने आदेश क्रमांक एफ.एन. १३(२)/२०१५-जी.ओ.आई सेल डीटीडी १५ जनवरी २०१६ को डायरेक्टरेट की स्थिति प्रदान की तदुपरांत पुनः अपग्रेड करते हुए संस्थान का दर्जा प्रदान किया । यह संसथान अखिल भारतीय समन्वित परियोजना, सोयाबीन से जुड़े उद्योग एवम स्वयं सेवी संस्थाए, सामुदायिक आधारित संगठन एवम कृषको के सम्मिलित प्रयास से अनुसन्धान व विकास के कार्यो द्वारा सोयाबीन की क्षेत्र, उत्पादन व उत्पादकता को अप्रत्याशीत ऊचाईयों की ओर ले गया है ।
अनुसंधान प्राथमिकताएं
अधिदेश
- सोयाबीन की उत्पादकता एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए अनुकूल, बुनयादी एवं रणनीतिक अनुसंधान करना ।
- सोयाबीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उन्नततकनीकी की सूचना,ज्ञानवअनुवांशिक सामग्री की व्यवस्था प्रदान करना ।
- क्षेत्र विशेष किस्मों और प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए प्रौद्योगिक अनुसंधान का समन्वय करना ।
- प्रौद्योगिकी का प्रसार और क्षमता निर्माण करना ।